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परधानी का चुनाव

परधानी का चुनाव
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चुनाव प्रचार पर आए
मचमचाती गाड़ी से लखदख उजले
लिबास वाले प्रधानजी ने
एक युवा से पूछा –
गांव में अब कितने आदमी होंगे?
युवा मोबाइल में देखते हुए बोला
– एक भी नहीं
वे बोले- क्या कहते हो बच्चा ?
पिछली परधानी की सूची में तो
तीन हजार थे,
युवा बोला –
वे ‘आदमी’ नहीं
सिर्फ वोटर थे,
दारूबाज,साड़ीबाज और कुछ
जातिवादी।
जो बचे ,वो अंधे, गूंगे और बहरे थे।
अगर ये सचमुच मानवतावादी होते
तो आपको परधानी की कुर्सी पर बिठाते नहीं,आप को बताते…
आज जिस मुंह से वोट मांग रहे हैं
वही आप की गलतियां दिखाते।