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चौरी चौरा आजादी के संघर्ष की पृष्ठ भूमि एव परिणाम

दंश दासता से घायल
भारत का जन जन था।।
मन में आज़ादी की
चिंगारी ज्वाला अंगार
लिये व्यथित भारत वासी था।।
सन सत्तावन की क्रांति के
क्रूर कुटिल दमन से
आहत भारतवासी
दंश दासता दमन से
अपनी शक्ति ताकत से
लड़ता रहता था।।
महात्मा के नेतृत्व में
सत्य अहिंसा की क्रांति
आजादी के संग्राम संघर्षो की
अनेकता की एकता की मिसाल मशाल।।
शासन की क्रूर कुटिल
फुट डालो राज्य करो नीति
पर चलता भारत की अक़्क्षुण
बैभव अस्मत को कुचलता
रौंदता जाता था।।
सन उन्नीस सौ बाईस
चार फरवरी का दिन
भारत की आज़ादी के
संघर्षो त्याग बलिदान
की गौरव गाथा पन्ना इतिहास बताता।।
गुलाम राष्ट्र की जनता का
अन्यायी अत्याचारी शासन का
प्रतिकार आजादी की हुंकार
आजाद मुल्क भारत की पीढ़ी
दर पीढ़ी को जागृत करता
अतीत महान।।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश