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*विश्व रंगमंच दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं*

*”विश्व रंगमंच दिवस” की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं*
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रचयिता :

*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.

 

यह सुन्दर संसार ही,जीवन का एक रंगमंच है।
दुनिया में आने वाला,हर शख़्स यहाँ खिलाड़ी।

प्रभु से बड़ा न है कोई,न उससे बड़ा खिलाड़ी।
मानव तो उसके आगे है,केवल है एक अनाड़ी।

जीवन में सब को अपने,कुछ तो काम मिला है।
निभा रहा है ड्यूटी जो है,न शिकवा न गिला है।

ईश्वर की मर्जी से अपना,पाट अदा कररहे सभी।
जिसको जितना पाट है करना,निभा रहे हैं सभी।

ये जीवन भी एक रंगमंच है,अलग-2 इसके पात्र।
सामाजिक रिश्तों को ढोते,बन कर सभी सुपात्र।

कोई बेटा पिता पितामह, कोई पुत्री माँ दादी माँ।
कोई नाती नातिन पोता पोती,कोई बने नानी माँ।

इस रंगमंच पर अपना खेला, सब लोग दिखा रहे।
जिसका पाट ख़त्म हो जाता,धरती से वो जा रहे।

नाटक नौटंकी टीवीसीरियल,ये फिल्में भी रंगमंच।
प्रहसन ड्रामा बहुरूपिये, कठपुतली भी है रंगमंच।

गीत गजल कौवाली,काव्य गोष्ठी मुशायरा रंगमंच।
भोजपुरी अवधी पूर्वी,सभी का प्यारा है ये रंगमंच।

हर किरदार पृथक हैं जग में,किन्तु रंगमंच है एक।
इस पर अपनी कला दिखाने,आते रहते हैं अनेक।

“विश्व रंगमंच दिवस” की,आप सभी को बधाई है।
हर रंगकर्मी स्त्री-पुरुष बच्चे,को हार्दिक बधाई है।

अपने निज कला का जादू,यह ऐसे सदा निखारें।
रंगमंच का बाजीगर बन,हर दिल में जगह बटोरें।

स्वस्थ्य मनोरंजन से अपने,दिल को ऐसे ही जीतें।
रचनात्मक सोच प्रदर्शन,हर दिन खुशियों से बीतें।

हर रंगकर्मी का समाज में,होता बड़ा ही है आदर।
अपने किसी कृत्य से करना,कभी ना मैली चादर।

रंगमंच व रंगकर्मियों का,जीवन सदा आबाद रहे।
जनमानस के रोम रोम से,उन्हें यह आशीर्वाद रहे।

 

रचयिता :

*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर-नॉर्थ इंडिया
एलायन्स क्लब्स इंटरनेशनल,कोलकाता,प.बंगाल
संपर्क : 9415350596