*संघर्षों में लड़ने से ही मिलती है सदा सफलता*
*संघर्षो में लड़ने से ही मिलती है सदा सफलता*
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रचयिता :
*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
संघर्षों में जो लड़ता है, आगे वही निकलता है।
जीवन में उसे ही आगे,मिलती नई सफलता है।
कड़ा परिश्रम कुंजी है,इससे ये ताला खुलता है।
आत्मविश्वास भरा उर में,तो नहीं असफलता है।
धोखा व बेइमानी तो,इस जग में सब चलता है।
संघर्षों से पीछे हट जाए,पाता वही विफलता है।
कर्मवीर जो भी होते हैं,खुद निज राह बना लेते।
काँटों को वे काट छाँट, पथ फूलों से सजा लेते।
बुरे वक्त पर निर्णय जो,जीवन में सही से लेते हैं।
प्रतिकूल परिस्थितियों में भी,वही मात दे देते हैं।
सपने वह नहीं होते हैं,जो सोने में रात में देखे हैं।
सपने उन्ही के सच होते हैं,जो सोने ही ना देते हैं।
आलस्य व आराम ही शत्रु है,किसी सफलता का।
कठिन मेहनत ही विकल्प है,किसी सफलता का।
आलस्य आराम छोड़, जो कठिन परिश्रम करता।
जब तक सफल न हो,वो थोड़ा ही विश्राम करता।
जीवन में एक बार कोई,यदि कामयाब हो जाता।
उसके पीछे उसके संघर्षों,का नाम सदा ही आता।
मेरा तो ये ही कहना है,कर्म करो तो मीठा है फल।
जैसे कर्म इंसा करता है,वैसा ही मिलता प्रतिफल।
रचयिता :
*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर-नार्थ इंडिया
एलायन्स क्लब्स इंटरनेशनल,कोलकाता,प.बंगाल
संपर्क : 9415350596