1

“जीवन महके फूलों जैसा,हर दिन खुशहाली हो”

*जीवन महके फूलों जैसा-हर दिन खुशहाली हो*
(सृजन ऑस्ट्रेलिया- साहित्यिक यात्रा गौरवशाली हो)
****************************************

रचियता :

*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.

 

जीवन महके फूलों जैसा,हर दिन खुशहाली हो।
सुख के मोती इतने बरसें,कभी न दामन खाली हो। कभी न दामन खाली हो।।

पथ प्रसस्थ हो शिखर पे पहुंचें,राहें मतवाली हो।
सुख के मोती इतने बरसें,कभी न दामन खाली हो।।कभी न दामन खाली हो।।

लक्ष्य प्राप्त हों जीवन के,दुःख भी हरने वाली हो।
सुख के मोती इतने बरसें,कभी न दामन खाली हो। कभी न दामन खाली हो।।

कृत्य आप के ऐसे भायें,निर्णय प्रतिभाशाली हो।
सुख के मोती इतने बरसें,कभी न दामन खाली हो। कभी न दामन खाली हो।।

मिले प्रसंशा नित्य आपको,कर्म ये गौरवशाली हो।
सुख के मोती इतने बरसें,कभी न दामन खाली हो। कभी न दामन खाली हो।।

 

रचयिता :

*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर-नार्थ इंडिया
एलायन्स क्लब्स इंटरनेशनल,कोलकाता,प.बंगाल
संपर्क : 9415350596, 9369474233