देशभक्ति काव्य लेखन प्रतियोगिता हेतु रचना, शीर्षक- तुम फिर याद आओगे
शीर्षक – तुम फिर याद आओगे
जब जब वर्षा होगी,
जब जब कोयल बोलेंगी,
तुम मेरे दिल को बहकाओगे,
तुम फिर याद आओगे।
रेत के नक्श है मेरी कहानी,
जुदाई ने भर दी आँखों में पानी,
दर्द बन तुम मुझे तड़पाओगे,
तुम फिर याद आओगे।
चंदा बन तुम देख रहे हो,
तारों के संग खेल रहे हो,
आँखमिचौली कर मुझे सताओगे,
तुम फिर याद आओगे।
कैसा घाव दिया है तुमने,
दर्द बढ़ा दिया मरहम ने,
हिय से तुम न भूले जाओगे,
तुम फिर याद आओगे।
लहूलुहान सा दिखता है जिस्म,
दर्द का है यह कौन सा किस्म,
स्वप्न बन नैनों में छा जाओगे,
तुम फिर याद आओगे।।
रचनाकार- मनोरमा शर्मा
स्वरचित एवं मौलिकहैदराबाद
तेलंगाना