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डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

6 मैपलटन वे, टारनेट, विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from 6 Mapleton Way, Tarneit, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

डॉ. उर्वशी भट्ट की कविता – ‘मनुष्यता’

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डॉ.उर्वशी भट्ट की यह कविता कोरोना के इस संकट के समय में ‘ मनुष्यता ‘ के विमर्श को अहम मानती हुई, मनुष्यता के वरण को ही मनुष्य का एकमात्र सरोकार मानती है। – नरेश शांडिल्य, सह संपादक – काव्य, सृजन ऑस्ट्रेलिया

मनुष्यता

दुर्दान्त होता है कभी कभी
नियति का वार
स्तब्ध कर देने की हद तक
अप्रत्याशित !
पर निष्प्रयोज्य नहीं।

वार से उपजा आघात
क्षमाप्रार्थी बना देता है
उस तुच्छता के लिए
जिसने कभी हमें
निहित अर्थ में
“मनुष्य” ना होने दिया।

मनुष्यता  की कोख से ही
प्रार्थनाओं का
जन्म होना था
“सेवा परमो धर्म ” को
अभीष्ट कर्म मानना था
उन पीड़ितों हेतु
जो जीवित तो थे किन्तु
जीवन से असहाय थे
पर हमारा कथित ज्ञान
उलझ गया
निर्रथक प्रश्नों के उत्तर देने में
बेतुके विषयों पर विवाद करने में।

अब जब बचाने योग्य
कुछ नहीं दिखता है
अपराधबोध हमें
अकथ्य पीड़ा से भर देता है।

वही पीड़ा
जिसकी दाह में
देह मनुष्यता का वरण करती है।

                   –  डॉ उर्वशी भट्ट

संपर्क : डूंगरपुर,  राजस्थान, 9950846222, ईमेल पता : pandyaurvashi24@gmail.com

Last Updated on October 20, 2020 by srijanaustralia

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