राष्ट्र की ये दुखियारी धरती स्वर्ग बना दे भारत माँ,
अपनी ममता के अमृत से इसे सजा दे भारत माँ।
देश के कपटी भ्रष्टाचारी तुझसे धोखा करते हैं,
तेरे ही आँचल में रह कर रक्त ये सोखा करते हैं।
ये ‘खटमल’ जब लांघें सीमा, तांडव कर दे भारत माँ।
राष्ट्र की ये दुखियारी धरती स्वर्ग बना दे भारत माँ
हिन्दू – मुस्लिम दहक रहे हैँ द्वेष के अंगारों में।
नफ़रत के हथियार आजकल बिकते हैँ बाज़ारों में।
जात-धर्म के इस राक्षस का मर्दन कर दे भारत माँ।
राष्ट्र की ये दुखियारी धरती स्वर्ग बना दे भारत माँ
जब हम जागेंगे निद्रा से खुशहाली छा जाएगी,
फिर से भारत माता सोने की चिड़िया कहलएगी।
हम भारत के ‘सुप्त भरत’ हैं, हमें जगा दे भारत माँ।
राष्ट्र की ये दुखियारी धरती स्वर्ग बना दे भारत माँ।
चरित दीक्षित
Last Updated on January 11, 2021 by charitdixit
8 thoughts on “भारत माँ से अनुरोध”
Full of patriotism. Very nice.
Kya baat hai.. Bahut khub 👍👍Mast Mast.
Beautiful, full of patritism,keep it uo
Very good. Keep doing good work.
The poem is inspiring too. Good. Great going.
राष्ट्र की ये दुखियारी धरती स्वर्ग बना दे भारत माँ.Bahut hi acha likha h beta.God bless u.
nice poem…words are beautiful👌🏻👍🏻
बहुत ही सुन्दर कविता है।भारत माता का चरित ने अद्भुत चित्ररत किया है। बधाई।
Excellent. Keep on writing.