भारत की बेटी
हम भारत की बेटी हैं
समझो न किसी से कम
पर्वत से ऊंची उड़ान हमारी…
हम नहीं घबराती
राहें चाहे कितनी भी
हों मुश्किल
पीछे मुड़कर हम नहीं देखती
बस आगे ही बढ़ते जाती
हम भारत की बेटी हैं।
हम जननी
ममता की मूरत भी हम
माँ-बाप का अभिमान हम
पति की हिम्मत हम
बच्चों की पहली गुरु
रिश्तों की मजबूत
डोर भी हमसे
भारत का कल भी हम
देश का गौरव भी हम
हम भारत की बेटी हैं।
इतिहास गवाह है,
देख भारत-बेटी की वीरता
दुश्मन ने भी
शीश झुकाया है
दुर्गा, चंडी भी हम
त्याग और बलिदान की
मूरत भी हम
हम भारत की बेटी हैं।
वक़्त आन पड़ा फिर
उम्मीद छोड़ दूसरों से
ख़ुद-से कदम बढाने का
चूड़ियां उतार, तलवार उठाने का
हर बेटी के साथ
हुए अन्याय
का न्याय मांगने का..
वक़्त आन पड़ा फिर
औरत की ताक़त का
दुनिया को बताने का..
हम भारत की बेटी हैं।
स्वरचित, मौलिक, सपना
Last Updated on October 29, 2020 by sapnanegi68