फूल-फूल पर !
फूल-फूल पर लिखी है बात,
मनभावन सूरत उसके पास ।
आया सावन बरसे बदरा,
ओड़ कर आई काली चदरा ।।
उड़ी फुहार भीगी कलियां,
उड़ी सुगन्ध महके अंगना ।
भौंरों का भी शोर है आया ,
मंद-मंद को कोपल हर्षया ।।
आज मौसम ये कैसा आया,
झरने ने भी शोर मचया ।
कलकल मंद गति से,
सरिता ने संगीत सुनाया ।।
नर्तन जलजीवन का देखो,
जड़वत् जीवन कर देता है ।
घराना रहे आनंदित सबका,
ये संदेश सबको दे जाता है।।
Last Updated on January 21, 2021 by ravipmarothi