मिलन
प्रिय जब से सुनी है मेरे कानों में तेरे कदमों की आहट।
दिल धड़कने लगा है, बैचेनी बढ़ी, बढ़ गयी घबराहट।
थम गई है सांसे तुमसे तुम्हारा प्रेम छुपाना चाहती हूं।
बस अपनी आंखों से ही अपना प्रेम बताना चाहती हूं।
जब तुम मुझको देखोगे, खुद को रोक ना पाओगे।
मेरा होने से तुझसे मिलने को अपने कदम बढ़ाओगे।
कब से लिख रही हूं अपने स्नेह मिलन की एक कहानी।
जब मिलेंगे तो सुनाउंगी दो दिलों के मिलने की जुबानी।
बस दो कदमों की दूरी मानो मिलो की दूरी लगती है।
तेरा आना ही उमंग मेरी, उष्णता भी शीतल लगती है।
जब तुम मिलोगे तो तुझमें ही मदहोश हो जाऊंगी ।
लिखी प्रेम कहानी तुझे अपनी बांहों में सुनाउंगी ।
टूटकर बरसेगा स्नेह, गिले-शिकवे दूर हो जाएंगे ।
अद्भुत मिलन होगा हमारा देव भी ठगे रह जाएंगे।
पिंकी भार्गव “हरि”
हिंदी भवन
गाँव कराला
उत्तर पश्चिम – ब, नई दिल्ली भारत 110081
Last Updated on January 10, 2021 by bhargavahari22
1 thought on “प्रेम काव्य लेखन प्रतियोगिता हेतु “मिलन””
अतिउत्तम