पर्व… अखंड भारत वर्ष को हमारा कोटि- कोटि नमन, जहाँ कई प्रकार के रंग- बिरंगे मौसम आते- जाते हैं| गरमी, सरदी या बरसात, पतझड़ हो या बसंत- बहार, हर मौसम में हर धर्म के हम सब पर्व- त्योहार मनाते हैं|| इठलाता आता सावन मन-भावन धरती होती जब गुलज़ार, मेले लगते, झूले पड़ते, लोग नाचते -गाते हर्षित हो जाते हैं| कभी सुहानी हवाओं में,कभी झुलसती गर्मी में,वर्षा की बूंदों से, कभी सर्द-बर्फ़ीली फ़िज़ाओं में,लोग हंसते- खाते खो जाते हैं|| कभी शहीदों के नाम, देश को सलाम,राष्ट्र- गर्व,आज़ादी- पर्व, धर्म- निरपेक्ष भारत को अपनी एक अहम् पहचान दिलाते हैं| गुरु-पर्व, क्रिसमस, ईद, दीवाली, पोंगल, लोहड़ी और होली, त्योहारों की बेला में सब कुछ पल आनंद विभोर हो जाते हैं|| भारत की समृद्ध संस्कृति के संवाहक ये हमारे पर्व- त्योहार, हर्ष और उल्लास सहित परस्पर मेल और भाईचारा बढ़ाते हैं| सर्व-धर्म साम्प्रदाय में एकता एवं अखंडता की जलाकर मशाल, भारतीयता एवं मानवता का सबके हृदयों में उजाला फैलाते हैं|| … प्रेम लता कोहली
Last Updated on January 18, 2021 by premlatakohli