बेटियों की नन्ही सी मुस्कान
पहले देती थी माँ को सुकून
अब डूबे हैं वह इस दुविधा में
कैसे रखे बेटियों को दरिदों से दूर |
बेटियों की नन्ही सी मुस्कान
क्यों बदल रही हैं चीखों में
माँ की ममता भरी आंखें
क्यों बदल रही हैं आंसूओं में |
जागना हैं सभी को
मिलकर उठानी है आवाज
करनी है हमे मिलकर
घर से ही नई शुरुआत |
जब उठने लगेगी आवाज
घर से होगी नई शुरुआत
ना आएगा कोई दरिंदा
हमारी बेटियों के पास |
Last Updated on January 4, 2021 by srijanaustralia