न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

6 मैपलटन वे, टारनेट, विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from 6 Mapleton Way, Tarneit, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

मेरे अपनों को शिकायत रहती है

Spread the love
image_pdfimage_print

जब देर रात तक,
भीगी पलकों से,
जागती रहती हूं,
तो मेरे अपनों को शिकायत रहती है।

कभी मेरी तन्हाई,
मुझसे रूठ कर,
कोने में रोती रहती है,
तो मेरे अपनों को शिकायत रहती है।

जब खुद में खो जाती हूं,
जागते हुए सो जाती हूं,
तो मेरे अपनों को शिकायत रहती है।
खुदा से खफा होकर,
अनगिनत सवाल लिए,
चादर जब ओढ़ लेती हूं,
तो मेरे अपनों को शिकायत रहती है।

कई अधूरी सी ख्वाहिशें,
मन को उद्वेलित कर,
एक आंदोलन सा करती हैं,
तो मेरे अपनों को शिकायत रहती है।

भटक कर शब्दों के जंगल में,
दिल शिकायत करता है,
कि खुद को बदल लो थोड़ा सा,
तुम्हारे अपनों को शिकायत रहती है।

Last Updated on December 22, 2020 by jyotikumar8516

Facebook
Twitter
LinkedIn

More to explorer

रिहाई कि इमरती

Spread the love

Spread the love Print 🖨 PDF 📄 eBook 📱रिहाई कि इमरती – स्वतंत्रता किसी भी प्राणि का जन्म सिद्ध अधिकार है जिसे

हिंदी

Spread the love

Spread the love Print 🖨 PDF 📄 eBook 📱   अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस – अंतर्मन अभिव्यक्ति है हृदय भाव कि धारा हैपल

1 thought on “मेरे अपनों को शिकायत रहती है”

  1. कुछ कहना चाहे तो शब्द हीन प्राणी , न समझा पाये
    वफा से अपनी सब का प्यारा और दुलारा
    भूख प्यास उसे व्याकुल न करती चुप से दिल मे उतर जाता है।
    मेरी आहट पाते ही मेरे पीछे पीछे चलता जाता है।
    इतना स्नेह भरा है , कभी न शिकायत करता ।
    अगर न हाथ रखू, उसके सिर पर अश्रु भी बहाता है।
    मेरे ज्वर कंपन की स्थिति मे वह भोजन नही खाता है।
    प्रकृति की अनुपम भेट ••••••
    मेरे लिए बहुमूल्य मेरा प्यारा •••••••🍃🍃🍃🍃
    आकांक्षा रूपा चचरा की ✍से

Leave a Comment

error: Content is protected !!