बेटियां केवल भाव की भूखी होती हैं!
उन्हें कहां धन दौलत की होती है परवाह
उनके लिए ये सब सूखी रूखी होती हैं,
वो तो बस अपनों की हिफाजत चाहे
बेटियां सिर्फ भाव की भूखी होती है!
पराई नहीं होती उसकी भावनाएं
अपने मां- बाप और भाई- बहनों के लिए,
वही प्यार वही करुणा
आंखो में डूबी होती है
बेटियां केवल भाव की भूखी होती हैं!
बलाएं लेती हैं, लाखों दुआएं देती हैं
रहे फलता फूलता उसका पीहर,
खुशहाल देखकर उन्हें सुखी होती हैं
बेटियां केवल भाव की भूखी होती हैं!
बस मान ही तो चाहती हैं वो
अपने लिए सम्मान चाहती हैं,
पीहर हो या ससुराल दोनों से ही
तन, मन ,धन से जुड़ी होती हैं
बेटियां केवल भाव की भूखी होती हैं!
अर्चना रॉय
Last Updated on January 24, 2021 by archanaroy20