*गणतंत्र दिवस मनायें*
गणतंत्र दिवस मनायें,
ये गणराज्य मुस्कुराये।
पावन धरा ये है हमारी,
इसको और जगमगायें।
नदियां गाती कल-कल,
चलो निर्मल इसे बनायें।
पर्वत कहते सिर उठाके,
सबसे ऊंचा इसे बनायें।
नवजागरण लेकर चलें,
हमारा देश जगमगाये।
गणतंत्र दिवस मनायें,
ये गणराज्य मुस्कुराये।
ज्ञान औ विज्ञान पूरित ,
इसे जग का गुरु बनायें।
वीरों की भूमि ये पावन,
सर्वोच्चतम इसे बनायें।
गणतंत्र दिवस मनायें,
ये गणराज्य मुस्कुराये।
राम व कृष्ण की धरती,
पावनतम इसे बनायें।
विविध वेशभूषा वाली,
चलो अनुपम इसे बनायें।
कांटों को हम चुनके फेंकें,
बस फूलों से ये मुस्कुराये।
छोड़ दें सब भेद दिल से,
मानवता को अपनायें।
गणतंत्र दिवस मनायें,
ये गणराज्य मुस्कुराये।
*डॉ सरला सिंह स्निग्धा*
*दिल्ली*
Last Updated on January 26, 2021 by sarlasingh55