न्यू मीडिया में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं शोध को समर्पित अव्यावसायिक अकादमिक अभिक्रम

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

6 मैपलटन वे, टारनेट, विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित, विशेषज्ञों द्वारा समीक्षित, बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका

A Multidisciplinary Peer Reviewed International E-Journal Published from 6 Mapleton Way, Tarneit, Victoria, Australia

डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
मुख्य संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

अद्वैत

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अद्वैत

एक स्त्री चाहिए

मन  को समझने के लिए

जिसके समा जाऊ

जार जार रो सकूँ

पोर पोर हँस सकुँ

बता सकूँ हर वो बात

जज्बात जो मन 

में उठते हो

मैं सिर्फ़ तन से नहीं

मन से भी नग्न हो सकूँ

उतार फेंकूँ सारे मुखौटे

भूला सकूँ।

माँ की तरह

तुम फेर दो हाथ बालों पर गालों पर

पुरूष होते हुए भी

सहारा  

चाहिए कभी कभी मुझे भी

बडी बहन की तरह

जो मार्ग दिखाये

एक  ऐसी स्त्री चाहिए

जिसे प्रेम करते हुए

पूजा भी कर सकूं

श्रद्धा से

जिसके नयनों को चूम सकूँ

बेटी सा

जिसके स्पर्श मात्र से

पुलकित हो उठे रोम रोम मेरा

कर दूं पूर्ण समर्पण

विगलित हो अस्तित्व मेरा

प्रकृति सा निखर जाऊ

मैं नारी सा बन जाऊं

वो विराट पुरुष बन जाएं

उसमें मैं समा आऊँ

वो मुझमें नज़र आएं

हम शंकर का अद्वैत हो जाए

एक स्त्री चाहिए

जिसे मैं उस तरह प्रेम कर सकूँ।

—————––

© समि

Last Updated on January 19, 2021 by dr.satyamitra

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