सुखद जीवन की अनुभूति से लजाई
दुल्हन बनी बैठी सजी सजाई
हाथों में मेहंदी रचाई
अपने साथ अनेक अरमान लाई
परिणय कर प्रिय संग ससुराल आई।
पहले बहुत घबराई
फिर थोड़ी सी शरमाई
फिरआकर रस्म निभाई
कुछ दिन जिंदगी अच्छी बिताई
और बाद में पल-पल आती रही रूलाई।
जिंदगी मेरी नरक बनाई।
दहेज की बेदी पर मेरी बली चढ़ाई।
दहेज ने लाखों घर बर्बाद करवाई
दहेज के कारण लाखों कन्या डोली में बैठ ना पाई।
मुझे #परिणय की महता बतलाई
पर मेरी समझ ना आई
क्योंकि मैं हो गई अब पराई
अपनों के द्वारा सताई
कर दो मेरी जुदाई
तभी मिलेगी मुझे रिहाई
बुरे विचारों की होगी सफाई
अपना भविष्य दे रहा मुझे दिखाई।
इस बात की मैंने समझी गहराई
अब ना बनूंगी मैं किसी की लुगाई
कोई नहीं देगा मुझे रिश्तों की दुहाई।
Last Updated on January 4, 2021 by srijanaustralia