हिन्दी हमारी आन है
हिन्दी हमारी शान
हिन्दी से बना हिन्द हमारा
हिन्दी से जिंदा है हिन्दुस्तान
हिन्दी से हमारी जय जयकार
प्रगति का यहीं आधार
शब्द सरिताएं समाती इसमें
सागर सा है विशाल आकर
आओ हिन्दी को आधार बनाये
मातृभाषा को अपना श्रृंगार बनाये
बोलचाल में और राजकाज में
हिन्दी भाषा ही अपनाये
सम्मान हिन्दी को दिला के रहेंगे
अपमान जननी का मिटा के रहेंगे
शान विकास कामिनी की बढ़ा के रहेंगे
हिन्दी को जग में मान दिलाकर रहेंगे
जगदीश गोकलानी “जग ग्वालियरी
Last Updated on January 12, 2021 by jagdish.shamangoklani