*सैनिक दिवस पर विशेष*
*सीमाओं पर डटें, जो देश की रखवाली करतें हैं*
*बिना स्वार्थ हित लाभ के जो पहरेदारी करतें हैं*
*सर्दी शीत धूप ताप से लड़ते जो प्रतिक्षण हैं*
*उनकें त्याग वीरता की तो सब कहानी कहतें हैं ,*
*जिनकी इच्छा तृष्णा तो मन में ही दब जाती हैं*
*जिनकी सतर्कता से होली दीवाली सब आती हैं*
*जिनकी पहरेदारी से ईंद क्रिसमस भी आता हैं*
*वरना सबकी ख़ुशी नज़ारें पल में ही दब जाती हैं ,*
*अपना शीश कटा कर हम पर आंच नहीं आने देता*
*बात कितनी भी कठिन हो,बात नहीं आने देता*
*ओ रक्षक भक्षक बन जाता हैं दुश्मनों के टोलों पर*
*एक एक को मारता हैं, बच कर नहीं जाने देता ,*
*घर से दूर,क़भी किसी से मग़र नहीं शिकायत करता*
*किसी पद प्रलोभन ख़ातिर क़भी नहीं ज़ियारत करता*
*हरदम कर्तब्य निभाता हैं डट कर जी जान से*
*ख़ुद की ख़ातिर क़भी किसी से कोई नहीं सिफारश करता ,*
*उनके बल से ही देश में आज़ादी की आहट हैं*
*उनके वीर बल से क़भी आती नही मुसीबत हैं*
*उनकें रूह खून में हरदम सूर्य सी गरमाहट हैं*
*फिर भी देखों मुखड़े पर दिखती तो मुस्कुराहट हैं ,*
*सज़ग सर्तक हरदम रहतें हैं दुश्मनों की चाल से*
*सिर उच्छेदन कर देते हैं इरादों के अपने भाल से*
*उनका मज़हब भारत भारती और देश की माटी हैं*
*जिसकी रक्षा करतें हैं समझकर अपने परिवार से ,*
*उनके पांवों की धुली माथें पर लगाने लायक हैं*
*उनका खून पसीना तो गंगा जल से पावन हैं*
*जो उनका चारण गाता हैं,ओ ही असली गायक हैं*
*उनके पथ जो चलता है, बनता एक दिन नायक हैं ।।*
*©बिमल तिवारी “आत्मबोध”*
*देवरिया उत्तर प्रदेश*
Last Updated on January 15, 2021 by bmltwr