क्षणिकाएं :…..यथार्थ
1.
मैं
कभी मरता नहीं
जो मरता है
वो
मैं नहीं
… … … … … … …
2.
ज़िस्म बिना
छाया नहीं
और
छाया का कोई
जिस्म नहीं
… … … … … … … …
3.
क्षितिज
तो आभास है
आभास का
कोई छोर नहीं
छोर
तो यथार्थ है
यथार्थ का कोई
क्षितिज नहीं
सुशील सरना/19-2-21
मौलिक एवं अप्रकाशित
Last Updated on February 19, 2021 by sarnasushil