निराशा का दौर छोड़
आशा आस्था संचार में
मिल जाएगा उद्देश्य मार्ग जीत ही जाएंगे ।।
कदम कदम जिंदगी का जंग
मुश्किलें बहुत जिंदगी एक
चुनौती ,जिंदगी की चुनौतियो से जीत जाएंगे उत्सव जीत मनाएंगे।।
उत्साह ,उमंग ,संग जीत ही जाएंगे थकना ,हारना रुकना बिसरायेंगे।।
जिंदगी के जंग में शत्रु अनेक
अंदाज़ा नहीं किधर से होगा
आक्रमण असमन्जस यह भी की
खुद के आस्तीन से धोखे फरेब का संभव हैआक्रमण।।
जीत ही जाएंगे संयम ,संकल्प
संयम का हथियार अपनाएंगे।।
जिन्दंगी के जंग की जीत
मन ,मीत ,लय ,गीत स्वर ,संगीत
तरन्नुम ,तराना जागरूक जीवन
सैनिक की ऊर्जा खजाना।
जीत ही जाएंगे कदापि स्वयं
की संस्कृति संस्कार नहीं गवायेंगे।।
दृष्टि और दिशा से बिचलित नहीं होंगे जीत ही जाएंगे स्वतंत्र अस्तित्व का अलख जगायेंगे।।
उदंडता उन्मुक्त नहीं स्वतंत्रता ,जीत ही जाएंगे इच्छा की परीक्षा को सीमा गर्व गरिमा बनाएंगे ।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Last Updated on February 20, 2021 by nandlalmanitripathi