जब दहलीज पर आऊँ
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<span;>जब हम रवि सा दिन भर संतप्त हो,
<span;>त्रसित संध्या की दहलीज पर आऊँ,
<span;>तो श्रम बिन्दु पर ठंडी बयार सा बन,
<span;>प्रिये! तुम मेरे रोम रोम में बस जाना।1।
<span;> मिलन की सुरमयी बेला पर आपलक,
<span;> देखूँ औ तुम्हारी शीतलता को समा लूॅ,
<span;> झिलमिल सितारों बीच अपना मुखडा,
<span;> रख चौखट पे खडी हो मुझको रिझाना।2।
<span;>कनखियों से नीलिमा की झीनी चुनरी में,
<span;>हे निशा तेरा जो नयनाभिराम बदन देख,
<span;>सुध बुध खो भूलूँ ,तेरे वो आलिंगन गीत,
<span;>तो तुम प्यार से मेरे कान में फुसफुसाना।3।
<span;>ओमप्रकाश गुप्ता बैलाडिला
<span;>18:12:2020
Last Updated on December 19, 2020 by opgupta.kdl
2 thoughts on “जब दहलीज पर आऊँ”
बृंदावन राय सरल सागर एमपी मोबाइल नंबर 786 92 18 525 वरिष्ठ कवि एवं शायर सागर मप्र महिला दिवस हेतु रचना।। प्रतियोगिता।।
मां पर रचना दोहे,,,
1,,मां चंदा की चांदनी ,मां सूरज की धूप।
वक्त पड़े ज्वालामुखी, वक्त पड़े जल रूप।।
2,,सरिता मां की नम्रता इसमें इतना प्यार ।
जीवन भर टूटे नहीं, जिसकी अविरल धार।।
3,,मां शाला मां है गुरू, मां जीवन आधार।
पौधा माँ के प्यार से,वृक्ष बने छतनार।।
4,,मां मीरा की पीर है, मां कबीर का सत्य।
मां नानक की प्राथना, तुलसी का साहित्य।।
5,, मां में गीता सार है, मां है वेद पुरान।
मां है पावन बाइबिल, मां में हर ईमान।।
6,, मां में तीरथ धाम सब, मां अटूट विश्वास।
मां के चरणों में हुआ,जन्नत का अहसास।।
बृंदावन राय सरल सागर एमपी मोबाइल नंबर 786 92 18 525 सागर एमपी भारत
2/1/2021
कृपया आप अपनी प्रतिक्रिया पोस्ट की गई हमारी कविता पर आधारित देगें, तो प्रसन्नता होगी ।