*ईश्वर सब कुछ देख रहा है इसका भी ज्ञान रखें*
***************************************
रचयिता :
*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
ईश्वर ही की इस जग में सब से बड़ी सत्ता है,
उसके मर्जी बिना कभी हिलता नहीं पत्ता है।
मानव अबतक प्रकृति से बहुत है खेला खेल,
अब मानव रो रहा जब घर ही बन गया जेल।
इतनी विपदा एक साथ न और कभी थी आई,
भीषण गर्मी बर्फ बाढ़ तूफान कोरोना है छाई।
यह साल है ऐसा इसमें लास की नहीं भर पाई,
2020 में बच जायें यही है सबसे बड़ी कमाई।
दुनिया में धरती पर जब भी पाप बढ़ जाता है,
ऐसा ही कुछ ना कुछ फिर ईश्वर कर जाता है।
राम राम करते रहो और हाथों से सुन्दर काम,
नेकी ही केवल जायेगी साथ तुम्हारे उस धाम।
लदे हुये फल के पेड़ों से सीखो कैसे झुकना है,
अहम् काम न आयेगा तो काहे को अकड़ना है।
बहती नदियां क्या वे खुद अपना पानी पीती हैं,
प्यासों की प्यास बुझाने को वो जीवन जीती हैं।
परमारथ के वास्ते ही साधू ने धरी शरीर सदा,
सच्चे साधू ने धरती पर किये हैं उपकार सदा।
मानव जन्म मिला हमें कुछ दया धर्म तो करते,
दीन दुःखी के सेवा करते मानवता में ही रहते।
सब कुछ छोड़ सभी को परमधाम ही जाना है,
तब काहे की रार करें जब वापस नहीं आना है।
रहें प्यार से जीवन में औरों का भी ध्यान रखें,
ईश्वर सब कुछ देख रहाहै इसका भी ज्ञान रखें।
रचयिता :
*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
जिलाध्यक्ष
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा,प्रतापगढ़,यूपी
इंटरनेशनल चीफ एग्जीक्यूटिव कोऑर्डिनेटर022
एलायन्स क्लब्स इंटरनेशनल,कोलकाता,प.बंगाल
संपर्क : 9415350596
Last Updated on June 26, 2021 by dr.vinaysrivastava
- डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव
- वरिष्ठ प्रवक्ता
- पी बी कालेज
- [email protected]
- 156 - अभय नगर, प्रतापगढ़ सिटी, उ.प्र., भारत- 230002