अख़बार का इक पन्ना सारा सच बतलाता है।
देश-विदेश की सारी खबरें चुटकी में पहुंचाता है।
घर-आंगन में जब आता सब का मन हर्षाता है।
सुबह की सब की चाय का फिर ये स्वाद बढ़ाता है।
अख़बार के आंगन में कई तरह की खबरें है।
कुछ खुशी की , कुछ गम की तस्वीरें है।
स्याही में है इतनी ताकत सच से नहीं घबराता है।
काले धन के चोरों को अदालत तक ले जाता है।
सारा सच फिर उनका जनता तक पहुंचाता है।
कानून के सारे निर्देशों को जारी करवाता है
नेता हो या अभिनेता सबका रंग बताता है।
रंग है इसका काला गोरा पर सच को ये दर्शाता है।
नहीं अख़बार ये है आईना
जो सारा सच दिखलाता है।
ना समझो इसको कागज के पन्ने
ये रोजगार दिलाता है।
कितने ही लोगों के चूल्हे ये जलाता है।
समझ के इसको इतना सस्ता हवा में नहीं उड़ाना है,
जानकर इसके मूल्यों को दुनिया तक पहुंचाना है।
(स्वारचित)
मनीषी मित्तल, टीजीटी हिन्दी ,राजकीय आदर्श उच्च विद्यालय, मनीमाजरा चंडीगढ़। [email protected]। 8054660410
Last Updated on November 20, 2020 by dmrekharani