देशभक्ति काव्य लेखन हेतु
प्यारा भारत
आसां नहीं शब्दों में लिखना, कई अर्थों की गाथा भारत
अखिल विश्व है एक संगीत, उस संगीत को गाता भारत
नदी, पर्वत जहाँ पूजे जाते, तब बनता है भारत भारत
प्रेम वतन से करता हर कोई पर स्वयं प्रेम सिखाता भारत
प्रेम के रंग फैलाता कुछ लिपटे तिरंगें में ऐसा रंगीला भारत
खोज नहीं इंसां की ये स्वयं ईश्वर की रचना है भारत
धरा है अद्भुत यहाँ की स्वयं नर रूप धरा ईश्वर ने
दश अवतारों की पावन धरती भारत ..।।
जय हिन्द जय भारत
डॉ. इन्दिरा कुमारी (Teacher)
गा. पुराना मटौर. पत्रालय नन्देहड
जिला एवं तहसील काँगडा हि.प्र. 176001
Mobile – 9459408261
gourinam[email protected]
Last Updated on January 11, 2021 by gourinamostute
1 thought on “प्यारा भारत”
उत्कृष्ट रचना👌👌👌👌