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डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

सृजन ऑस्ट्रेलिया | SRIJAN AUSTRALIA

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डॉ. शैलेश शुक्ला

सुप्रसिद्ध कवि, न्यू मीडिया विशेषज्ञ एवं
प्रधान संपादक, सृजन ऑस्ट्रेलिया

श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला

सुप्रसिद्ध चित्रकार, समाजसेवी एवं
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*छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती विशेष*

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*छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती विशेष*
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रचयिता :

*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.

 

छत्रपति शिवाजी महाराज एक बहादुर योद्धा।
जन्में यह धरती पर कर्मवीर अविजित योद्धा।

पिता शाहजी भोसले माता जीजा बाई के घर।
19फरवरी1630 का दिन है इतिहास में अमर।

इन्हें शिवाजी राजे भोसले के नाम से भी जानें।
छत्रपति शिवाजी महाराज नाम से भी हैं जानें।

पिता शिवनेरी दुर्ग जुन्नर नगर पुणे में थे तैनात।
जन्मे वीर शिवाजी मिली माँ-बाप को सौगात।

इनका लालन पालन माता की रही जिम्मेदारी।
खूब निभाईं जीजाबाई अपनी यह जिम्मेदारी।

बचपन बीता माँ के देखरेख में माँ से सुने सीखे।
अर्जुन कृष्ण राम हनुमान कथा से शौर्य हैं सीखे।

धीरे-2 सभी विद्या में निपुण हुए हैं वीर शिवाजी।
अशोक भरत चाणक्य कथा से हैं सीखे शिवाजी।

चंद्रगुप्त अहिल्याबाई कथा से छत्रपति जी सीखे।
सभी कलाओं में निपुण होगये सब माँ से हैं सीखे।

महापुरुषों की जीवनी से शिवाजी बहुत प्रभावित।
अपनाये जीवन में उन आदर्शो को किये समाहित।

लाल महल पुणे में सहबाई निम्बालकर से विवाह।
10 वर्ष के उम्र में ही शिवाजी का हो गया विवाह।

14मई1640 में शिवाजी का पहला हुआ विवाह।
तत्पचात चार स्त्रियों के संग में और हुआ विवाह।

सोयराबाई पुतलीबाई सकवरबाई एवं काशीबाई।
पहली पत्नी लाल महल पुणे से आई थीं सकबाई।

पांचों पत्नियों से शिवाजी को 4पुत्रियां 2पुत्र हुए।
छत्रपति शिवाजी महाराज हर तरह से संपन्न हुए।

जब राजकाज संकट में हो शत्रु से स्वयं घिरा हो।
उसकी चालें घातक शत्रु छल कपट में माहिर हो।

तब शिवाजी की युद्ध रणनीति ही अपनाने योग्य।
शिवाजी का युद्ध कला में अनन्य किए गए प्रयोग।

युद्ध कौशल और पराक्रम गजब शिवाजी रखते।
दुश्मन उनकी चतुराई से सदा मात खाते थे रहते।

छापामार युद्ध व शत्रु नाश शिवसूत्र किया ईजाद।
दुष्टों के संग दुष्टता शिष्टों के संग शिष्टता प्रतिपाद।

शिवाजी की कोई खास प्रारंभिक शिक्षा नहीं हुई।
परंतु वीर गाथाएं युद्ध कौशल इतिहास अमर हुई।

मुगलों को छत्रपति शिवाजी ने खुब धूल चटाई है।
औरंगज़ेब के नजरबंदी से खुद-पिताको छुड़ाई है।

1674तक पुरंदर संधि के मुग़ल राज्य मराठा हुई।
1680में 50वर्ष के आयु में शिवाजी की मृत्यु हुई।

अपने शासन में मराठा साम्राज्य नहीं झुकने दिया।
मृत्युबाद शिवाजी पुत्र संभाजी ने शासन है किया।

शत-2 नमन एवं वन्दन भारत के महान वीरों की।
इतिहास भरा पड़ा है ये धरा ऐसे शूरवीर हीरों की।

 

रचयिता :

*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
(शिक्षक,कवि,लेखक,समीक्षक एवं समाजसेवी)
इंटरनेशनल चीफ एग्जीक्यूटिव कोऑर्डिनेटर
2021-22,एलायन्स क्लब्स इंटरनेशनल,प.बंगाल
संपर्क : 9415350596

Last Updated on June 26, 2021 by dr.vinaysrivastava

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